Wednesday, March 14, 2012

बिखराव

समय जैसे ठहर गया

निंद्रा जैसे कोई चुरा ले गया

सपने जो बिखरे

मायने जिन्दगी के बदल गये

ऐतबार तो अब खुद पे भी ना रहा

लाख मिन्नतों के बाद

गला खुदा तुने अरमानों कर घोंट दिया

भाग्य उदय

होगा भाग्य उदय

मुझ बदनसीब कर भी

लगा सर पे तिलक

ली है ए शपथ

लिखूंगा तक़दीर ऐसी

देखते रह जायेगा खुद विधाता भी

Saturday, March 10, 2012

फूल

छुप गया फूल झुरमुट के नीचे

नज़र ना लगे किसीकी

ओझल हो गया नजरों से ऐसे

प्रात: जब माली लगा कतरने झुरमुट

खिल उठा फूल कर रंग रूप

देख इस सौंदर्य नज़ारे को

निखर गया दिवाकर कर नूर

Tuesday, March 6, 2012

बदली दुनिया

पल में दुनिया सारी बदल गयी

वो मासूमियत वो बचपन

जाने कहा खो गयी

लहर दर्द की जो उठी

संग अपने खुशियाँ सारी बहा ले गयी

छुट गया लड़क्पन कही

अब तो वो याद भी नहीं

पल में दुनिया सारी बदल गयी

Sunday, March 4, 2012

पहचान

एक अनजानी तलाश

गुमनामी में डूबी पहचान

अस्त हो गया साया

छोड़ अक्स का साथ

तलाश रही खामोश नजरे

अँधेरे में एक लौ की आस

कह रहा मन बेकरार

खुल जाये किस्मत के द्वार

धैर्य की कुंजी अगर लग जाये हाथ

तलाश रही धड़कने

खोयी साँसों के तार

पर बिखर गयी जिन्दगी

ओर गुम हो गयी पहचान