Monday, February 1, 2010

अपनी बात

होता जो कोई माध्यम पास

कह पाता अपनी बात

सहज रह सकता नहीं

भावनावों को व्यक्त कर सकता नहीं

मुश्किल तो यही है यारों

चाह कर भी अपनी बात कह पाता नहीं

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