Saturday, February 20, 2010

पिता की जरुरत

चला जिस अंगुली को पकड़

वो अंगुली छुट गई

शायद रब को चलने के लिए

मेरे पिता की जरुरत पड़ गई

तभी बिखर गई मेरी दुनिया

ठहर गए कदम

रब ही जाने उसने ऐसा क्यों कर डाला

मुझ बेबस लाचार से

मेरे बाबा ( चाचा ) का हाथ क्यों छुड़ा डाला

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