Friday, November 26, 2010

जिक्र

जिक्र तेरा जो चला

महफ़िल में रौनक आ गयी

खामोश लबों पे भी

तेरी ही बात छा गयी

एक तेरे ही जिक्र से

बेजान महफ़िल में भी जान आ गयी

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