POEMS BY MANOJ KAYAL
आओ ऐसा सुन्दर जहाँ बनाये
ह़र घर फैले उजिआरा
ऐसे सूरज की ह़र किरणे सजाये
आभा बिखरे जिससे
शीतल सुप्रकाश की
ओर जगमगा उठे जग सारा
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