Wednesday, November 24, 2010

ताबीर

कुछ खोया खोया से लगे

दिल अपना बेगाना सा लगे

चाहत की ये ताबीर है

एक नए रिश्ते की तामिल है

धड़क रहा जिया

फिर भी गुमसुम सी धड़कने सारी है

एक मीठी सी अहसास है

उमंगों की बारिस में दिल

प्यार के लिए बेकरार है

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