Wednesday, November 24, 2010

पहचान

एक तुझ से ही पहचान है

बाकी सब गुमनाम है

नाज है अभिमान है

तुम पिता हम तेरी संतान है

ह़र जन्म जुड़ा रहे

एक दूजे से अपना नाम

छोटी सी रब से ये फ़रियाद है

बस एक तू ही पहचान है

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