RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, July 9, 2012
पल
कुछ पल तनहाइयों में गुजर गए
कुछ पल प्यार समझने को गुजर गए
जो पल बचे वो सिकवा शिकायत में गुजर गए
पर आंसू बहाने को
खुद को एक पल भी ना मिला
तलाशते रहे जिस पल को
वो पल कभी ना मिला
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