POEMS BY MANOJ KAYAL
लिखू कैसे शब्द गुम हो गए सारे जैसे
देखा लेखनी को जो नज़र भर
लगा कह रही हो
छोड़ा ना साथ मेरा
ओ मेरे हमसफ़र
थामे रहो तुम मेरी कलाई बस
लिखती चली जाऊँगी उम्र भर
देखना तुम
बरसने लगेंगे जब रंग
याद आने लगेंगे पुनः शब्द तब
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