POEMS BY MANOJ KAYAL
कीर्ति रचना जो भी कहो
वया करती है सभी मन के विचार
उमड़ता है जब भावनाओं का सैलाब
नयी रचना लेती है तब आकर
पिरों सुन्दर शब्दों में
कलमबंद हो जाते है जब विचार
हो जाते है तब सपने साकार
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