Sunday, February 13, 2011

रचना

कीर्ति रचना जो भी कहो

वया करती है सभी मन के विचार

उमड़ता है जब भावनाओं का सैलाब

नयी रचना लेती है तब आकर

पिरों सुन्दर शब्दों में

कलमबंद हो जाते है जब विचार

हो जाते है तब सपने साकार

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