उम्र का वो पड़ाव अभी बाकी है
बचपन खिले जिसमे फिर से
रंग बिखरे बचपन के जिसमे फिर से
उम्र की दहलीज का वो मुकाम अभी बाकी है
है यह आखरी पड़ाव उम्र का
फिर भी इसमें खो जाने की बेताबी है
वो सपनों की रंगीन दुनिया
हर गुस्ताखी जिसमे माफ़ी है
उम्र का वो पड़ाव अभी बाकी है
मुक्त हो बंधन की डोर जिसमे
गूंजे मसखरी के ठहाके जिसमे
उम्र का वो पड़ाव अभी बाकी है
उम्र का वो पड़ाव अभी बाकी है
बचपन खिले जिसमे फिर से
रंग बिखरे बचपन के जिसमे फिर से
उम्र की दहलीज का वो मुकाम अभी बाकी है
है यह आखरी पड़ाव उम्र का
फिर भी इसमें खो जाने की बेताबी है
वो सपनों की रंगीन दुनिया
हर गुस्ताखी जिसमे माफ़ी है
उम्र का वो पड़ाव अभी बाकी है
मुक्त हो बंधन की डोर जिसमे
गूंजे मसखरी के ठहाके जिसमे
उम्र का वो पड़ाव अभी बाकी है
उम्र का वो पड़ाव अभी बाकी है
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