Monday, May 19, 2014

पीनेवालों का महजब

ये दुनियावालों

हम पीनेवालों का महजब ना पूछो

साकी की जात ना पूछो

मयख़ाने की गलियों की बहार ना पूछो

छलकते जामों की लय ताल ना पूछो

भुला दे जो हर गम

लगा लबों से अपने

उस मदिरा की चाल ना पूछो

डूब जाए जिसकी मदहोशी के आलम में

पूछो तो बस उस साकी के घर का पता पूछो

उस साकी के घर का पता पूछो

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