ख़फ़ा ना होना ए ख़ामोशी तू कभी
रिश्ते सारे झूठे
एक तुझ पे ही बस ऐतबार हैं
गुफ्तगूँ तुमसे मैं कर सकूँ
दर्द मेरा तू समझ सके
लफ्ज मौन ही सही
पर रक्तरंजित ह्रदय तो खोल सकूँ
इस दर्द की दीवानगी
सिवा तेरे कोई समझ ना पायेगा
लबों पे अब लफ्ज़ सजाऊ कैसे
अल्फाज जो कल मेरे अपने थे
आज वो रूठे रूठे बेगाने से हैं
राजदार तुम ही हो इस सफ़र की
हमसफ़र बन चलते रहना
बस एक तू ही वफ़ा की ताबीर हैं
बाक़ी सब तो सिर्फ़ एक कहानी हैं
रिश्ते सारे झूठे
बस एक सच्ची तेरी यारी हैं
रिश्ते सारे झूठे
एक तुझ पे ही बस ऐतबार हैं
गुफ्तगूँ तुमसे मैं कर सकूँ
दर्द मेरा तू समझ सके
लफ्ज मौन ही सही
पर रक्तरंजित ह्रदय तो खोल सकूँ
इस दर्द की दीवानगी
सिवा तेरे कोई समझ ना पायेगा
लबों पे अब लफ्ज़ सजाऊ कैसे
अल्फाज जो कल मेरे अपने थे
आज वो रूठे रूठे बेगाने से हैं
राजदार तुम ही हो इस सफ़र की
हमसफ़र बन चलते रहना
बस एक तू ही वफ़ा की ताबीर हैं
बाक़ी सब तो सिर्फ़ एक कहानी हैं
रिश्ते सारे झूठे
बस एक सच्ची तेरी यारी हैं
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