Saturday, July 3, 2021

खामोशियाँ

खामोशियाँ कह गयी लब कह ना पाए जो बात l
लफ्ज अल्फाज बिखर उठे पा कायनात को पास ll 

खत नयनों के छलक पढ़ने लगे कलमों के अंदाज़ l
गूँज उठी अजान साँझ की लिए कई सिंदूरी पैगाम ll

लज्जा रही पलकें सुर्ख हो रहे उसके गुलाबी गाल l
दूर क्षितिज पर भी चमक रहा उसका ही आफ़ताब ll 

तहरीर थी दिल अंजुमन में ताबीर जिसकी चाह l
जुस्तजू मयसर हो गयी रूह रूहानी आगोश समाय ll

लहजा तकरीरें दे गयी सौगात एक दूजे के नाम l 
परदे में भी बेपर्दा हो गए उनके नूरों के साज ll

सँभाला था जिस नफासत को नजाकत की तरह l
नज़राना मेहर हो गयी वो दिल रिवायतों की तरह ll

संजीदा थे इस पनघट की बोलियों के पैगाम l
निसार हो उठी शोखियाँ देख चाँदनी इठलाय ll

खामोशियाँ कह गयी लब कह ना पाए जो बात l
लफ्ज अल्फाज बिखर उठे पा कायनात को पास ll

16 comments:

  1. वाह!!! बहुत उम्दा!!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय विश्वमोहन जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

      Delete
  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(4-7-21) को "बच्चों की ऊंगली थामें, कल्पनालोक ले चलें" (चर्चा अंक- 4115) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    --
    कामिनी सिन्हा

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया कामिनी दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए शुक्रिया
      सादर

      Delete
  3. बहुत सुंदर ग़ज़लनुमा कविता! ये पंक्तियां अच्छी लगीं:
    सँभाला था जिस नफासत को नजाकत की तरह l
    नज़राना मेहर हो गयी वो दिल रिवायतों की तरह ll
    साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ

    ReplyDelete
  4. बहुत ही सुंदर सराहनीय सृजन।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया अनिता दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

      Delete
  5. बहुत बहुत सुन्दर सरस गजल |

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय आलोक भाई जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
      सादर

      Delete
  6. बेहतरीन , सुंदर साजो श्रृंगार है रचना में ।
    बहुत सुंदर।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

      Delete
  7. आदरणीय शिवम् भाई जी
    मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
    सादर

    ReplyDelete
  8. भावपूर्ण अभिव्यक्ति …

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय दिगम्बर भाई जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
      सादर

      Delete
  9. बेहतरीन लफ्ज़ ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया अमृता दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

      Delete