Monday, May 2, 2022

रूह

मजहब रंग एक था मेरी मोहब्बत का l
रोजा वो रखती इसकी सलामती का ll

इफ्तारी मैं करता उसके चाँद दीदार से l
कबूल हो जाती मन्नतें कई एक साथ में ll

होली मेरी जलती जैसे दिवाली रोशन आस में l
रंगों सराबोर होती उसकी कंचन काया साथ में ll

मीरा थी वो मेरे दिल रास रचे इस मधुवन की l
सहज भाव झुक जाती देख साया मंदिर की  ll

नफासत इतनी भरी थी दोनों दिलों जान में l
दुआएं छलकती इनसे जैसे तारों आसमान से ll

सरका हिजाब मुस्काती जब वो कनखियों नाज से l
बाँसुरी सी धुन घुल जाती मेरी रुकी रुकी सांस में ll

मीठी मीठी नज्म थी वो इस दिल गालियां चौबारों की शान से l
ना मंदिर ना मस्जिद की रूह थी वो गीता कुरान की एक साथ मे ll

20 comments:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 03 मई 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. आदरणीया यशोदा दीदी जी
    मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए आपका दिल से शुक्रिया l

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  3. बहुत सुंदर भाव

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    1. आदरणीया अनीता दीदी जी

      सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l

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  4. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (04-05-2022) को चर्चा मंच      नाम में क्या रखा है?   (चर्चा अंक-4420)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'    
    --

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    1. आदरणीय शास्त्री सर
      आपके मंच पर मेरी रचना को स्थान मिलना मेरे लिए आपके आशीर्वाद के सामान हैं l आपको दिल से नमन सर l

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  5. वाह!खूबसूरत सृजन ।

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    1. आदरणीया शुभा दीदी जी
      सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l

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    1. आदरणीया उर्मिला दीदी जी
      सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l

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    1. आदरणीय सुशील भाई साब
      सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया

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  8. मजहब रंग एक था मेरी मोहब्बत का l
    रोजा वो रखती इसकी सलामती का ll

    बहुत खूब !
    ईद मुबारक !

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    1. आदरणीया नूपुरं दीदी जी
      सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l

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  9. मीरा थी वो मेरे दिल रास रचे इस मधुवन की l
    सहज भाव झुक जाती देख साया मंदिर की... बहुत सुंदर लिखा अनुज।
    सराहनीय सृजन।
    सादर

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  10. आदरणीया अनीता दीदी जी
    सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l

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  11. बेहतरीन सृजन अनुज ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l

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  12. श्रृंगार और स्नेह से लिप्त सुंदर सृजन।

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    1. आदरणीया कुसुम दीदी जी
      सुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l

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