Friday, June 10, 2022

ll सरल प्रेम ll

सरल थी वो ओस की उन अनछुई शबनमी बूँदों सी l
इतराती अठखेलियाँ विलुप्त हो जाती पवन वेगों सी ll


चिंतन मनन जब जब करता उसे अल्फाजों पिरो सीने की l
लब मौन तब तब सिल जाते उसके गुलाब पराग कणों सी ll


नाम जिनका उकेरा था सागर सी मचलती जल तरंगों पर l
दरिया बन समा गयी वो मेरे अधूरे क्षितिज अश्रु बूँदों पर ll


संजोग तारतम्य अक्षरों चयन बीच कभी हुए नहीं l
संदेशों में भी बैरंग खत कभी हमसे अता हुए नहीं ll


खुमारी इसकी मीठी मीठी आबो हवा बारिश बारातों की l
मुक्तक पतंग उड़ा रही परिंदों सी रंगे दिल आसमानों की ll


उतरी जब यह नायाब चित्रकारी दर्पणों के सूने आगोश में l
विस्मित चकित खुदा भी ढल खो गया इसके प्रेम आगोश में ll

16 comments:

  1. बहुत सुंदर भवपूर्ण पंक्तियाँ।

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    1. आदरणीय नीतीश भाई साब
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए आपका शुक्रिया

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  2. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (11-06-2022) को चर्चा मंच     "उल्लू जी का भूत"   (चर्चा अंक-4458)  (चर्चा अंक-4395)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'    

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    1. आदरणीय शास्त्री जी सर

      आप गुणीजनों का आशीर्वाद बना रहे और आपके मंच पर स्थान मिलता रहे इससे ज्यादा सौभाग्य की बात मेरे लिए और हो नहीं सकती, आपका शुक्रगुजार हूँ

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  3. जज़्बातों को बखूबी लिखा है ।।

    जहाँ तक मुझे पता है अल्फ़ाज़ शब्द बहुवचन है ।।अल्फाजों लिखने की आवश्यकता नहीं है । लफ्ज़ एक वचन है ।
    बाकी उर्दू भाषा के जानकार सही राय दे सकते हैं ।

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    1. आदरणीय संगीता दीदी जी
      प्रशंसा के लिए दिल से आपका शुक्रिया साथ ही त्रुटि की और ध्यान आकर्षण के लिए आभार, कोशिश रहेगी आपके मार्गदर्शन में भूल सुधार कर लूँ

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  4. सरल थी वो ओस की उन अनछुई शबनमी बूँदों सी l
    इतराती अठखेलियाँ विलुप्त हो जाती पवन वेगों सी ll
    वाह सुंदर वर्णन |

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    1. आदरणीया अनुपमा दीदी जी
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  5. नाम जिनका उकेरा था सागर सी मचलती जल तरंगों पर l
    दरिया बन समा गयी वो मेरे अधूरे क्षितिज अश्रु बूँदों पर ll
    बहुत ही सुन्दर...
    वाह!!!

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    1. आदरणीया सुधा दीदी जी
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  6. एहसासों का शब्द चित्र।
    उम्दा प्रस्तुति।

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    1. आदरणीया कुसुम दीदी जी
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  7. मन को छूते भाव सच प्रेम बहुत सरल होता है लोग उसे जटिल यों हीं बना बैठे।
    बहुत ही सुंदर सृजन।

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    1. आदरणीया अनीता दीदी जी
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  8. Replies
    1. आदरणीय विश्वमोहन भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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