Monday, March 6, 2023

फागुन की थाप

रंगों की प्रीत ने घोली हीना सी ऐसी मदमाती सुगंध चाल में l

केशों में गुँथी वेणी भी थिरक उठी इसके ही रंगों साज में ll


चंद्र शून्य भी भींग इसकी  बैजन्ती के कर्ण ताल में l

लहरा रही कुदरत प्यासे मरुधर मृगतृष्णा ताल में ll


इन्द्रधनुषी रंग बिखराती लाली बिंदी माथे सजी l

बाँसुरी सी बजा रही समंदर ख्यालों अरमान में ll


खनखन करती चूडिय़ां सम्भाल रही ओढ़नी डोर साथ में l

राग सरगम बरस रही इनके रंगें इशारों छुपी जो साथ में ll


चढी खुमारी रंगों की ऐसी फागुन के फाग में l

चाँद भी रंग आया डफली की मीठी थाप में ll


मुरीद अधर रंग सहेजे जिस कोकिल कंठी राग के l

रंग गयी चुपके से वो मुझे अपने ही रंगों रुखसार में ll


गुलाल गुलाब के बिखरते रंगों होली जज्बात में l

सांवला रंग भी निखर आया साँसों के रंगों रास में ll

12 comments:

  1. सुन्दर रचना| होली की शुभकामनायें|

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    1. आदरणीय सुशील भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  2. होली के रंगों से सजी सुन्दर सृजन ।होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं

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    1. आदरणीय नीतीश भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  4. चढी खुमारी रंगों की ऐसी फागुन के फाग में l

    चाँद भी रंग आया डफली की मीठी थाप में ll
    वाह!!!
    बहुत ही सुंदर...
    रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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    1. आदरणीया सुधा दीदी जी
      ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं

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  5. होली पर पर सुंदर सार्थक रचना।

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    1. आदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
      ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं

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