Sunday, April 2, 2023

चेतना

उन्मुक्त परवाज भरता अभिव्यक्ति सार्गर्भित विचार  l 

अवहेलना व्याख्यान अविरल तुष्टीकरण करते निदान ll


निंदक निंदा भागीदार खोले ऐसे अद्भुत द्वार l

द्रुतगति सींचे नीव नवनिर्माण के साँचे द्वार ll


बबूल झाड़ियां मरुधरा नतमस्तक नील आकाश l

व्यथित पीड़ा खोज लायी मृगतृष्णा नव अवतार ll


मेरुदंड हिमशिखर बाज सी पैनी चाणक्य धुरंधर बात l

शत्रु सहभागी सूत्र पिरो दिया दशों दिशा नया आयाम ll


छोर क्षितिज संरचना गणना आदित्य के वरदान l

भूमिका महत्ता रोशनी संस्कृति विवेचन विचार ll


अध्याय आधार गतिशील प्रतिपल शिक्षा के संस्कार l

विश्वस्वरुप आधिपत्य संजो रहा एक नया इतिहास ll


सागर सरहदें मंथन निरंतर चेतन निर्माण चिंतन l

ध्वजा शंखनाद उद्घोष धरा उत्तम संगम तर्पण ll


पृष्ठभूमि रचित सृजन भूमिका अभिलाषा ज्ञान दान l

प्रस्फुटित अंकुर गुलाब महका रहा ब्रह्मांड दर्श ज्ञान ll

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं

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  2. निंदक निंदा भागीदार खोले ऐसे अद्भुत द्वार l

    द्रुतगति सींचे नीव नवनिर्माण के साँचे द्वार ll
    वाह!!!!
    बहुत सुन्दर ।

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    1. आदरणीया सुधा दीदी जी
      ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं

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  3. बहुत सुंदर रचना ।

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    1. आदरणीया दीदी जी
      ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं

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