Thursday, May 8, 2025

बोलियाँ

बोलियाँ मोगरे झूमके वाली वालियाँ फूलों की l

साँझी आयतें अल्फाजों कारीगरी रूहों की ll


खतों विरासत अस्तित्व स्पर्श चाँद स्पंदन की l

महका गयी पतझड़ बसंती सावन फुहारों की ll


मरुधरा चाँदनी गुलमोहर ईद रात सितारों की l

मयूर मन खिला गयी बंद दिल दरवाजों की ll


उलझी उलझी लट्टे केशों पेंचों पतंगों डोरी की l

हौले से कादंबिनी धड़कने बन गयी ख्वाबों की  ll


बातें तितलियों के सुंदर नयन बसेरों सागर की l

ठग गयी आरजूएँ अंजुमन बिस्मिल राहों की ll

1 comment:

  1. खतों विरासत अस्तित्व स्पर्श चाँद स्पंदन की l

    महका गयी पतझड़ बसंती सावन फुहारों की ll
    वाह!!!
    बहुत सुन्दर👌👌

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