Friday, June 25, 2010

अधूरी जिन्दगी

कहते है जो , जिन्दगी बिन तुम्हारे अधूरी थी

उन्हें क्या मालूम , प्यार क्या होता है

तुम नहीं थी , तुम्हारी यादें थी

इस अकेलेपन की तन्हाई में

साया बन मेरे साथ थी

तो कैसे फिर जिन्दगी अधूरी थी

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