Monday, November 1, 2010

रौशनी

दीपों की रौशनी

पटाखों का शोर

घोल रही रिश्तों में

चीनी का घोल

ले आयी दिवाली फिर

मस्ती भरी उमंग

जगमग हुआ जहां

रोशन हुए दिल

रंग बी रंगी आतिशबाजी से

अम्बर हुआ रंगीन

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