Wednesday, September 3, 2025

वियोग

तन्हा स्याह रातों को जब खुद से बातें करता हूँ l

अश्कों तर लिहाफ़ आँचल आगोश सुला जाती हैं ll


इबादत नूर दामन जिसके कबूल की थी जो रातें l

वो विरोह वियोग काजल सी गालों को रंग जाती हैं ll


फलक से ज़मी मिश्रित साँझ की बेबस हमदम गुनाह रातें l

जन्नत फ़रिश्ते सी हरियाली दुआ बन सँवर आती हैं ll


दृष्टि ध्वनि ज़ज्बात भ्रम लहू रंग जब पाती हैँ l

खुद से ही बेगानी हो एक पहेली बन जाती हैं ll


अधूरी तलाश जाने कौन से उस अक्षर ख़लिश की l

रात अकेले नमी बन नयनों सैलाब बन बह आती हैं ll


झपकी एक खलल दे जाती हैं इन ख्यालात ताबीर को l

तृष्णा वैतरणी अंगारे लावा पिघला निंद्रा सुला जाती हैं ll

Wednesday, August 13, 2025

आघात

आघात निष्काम निःशब्द खामोशी गूँज के l

रक्त होली बहा गए सादी बैरंग किताबों के ll


छुट गये कदमों निशाँ सभी गलियों मोड़ से l

बूंदे सावन मिलने आयी थी बादलों नूर से ll


मंथन गुमशुदा अर्जियां अम्बर पहेलियाँ गूँज से l

ख्यालों रुबरु करा गयी साँसों बंदिशें रुत से ll


पल प्रतिपल बदलते अधूरे शब्दों समीकरण से l

शून्य अह्सास नीर रिस चला काजल नूर से ll


साँझ खामोश दर्द रक्त लेखनी आघात मंजर से l

थक सो गयी आँखें बंद हो पलक कटोरों से ll

Thursday, July 3, 2025

आलिंगन

विभोर स्पर्श पलकों बंद आँखों स्पन्दन राज का l

विरह ओस बूँदों सी अधखुले नयनों साँझ का ll


विशृंखल कोमल अंकुरन सांझी हृदय राह का l

व्यग्र उच्छृंखल मन ढूंढ रहा साथ माहताब का ll


कशिश एक मौन फ़रियाद सुकून आवाज का l

आलिंगन खुद के लबों सजी अल्फाजों साज का ll


बेसब्र अनमोल दीवानगी जुनून मृदंग थाप का l

थिरकती उमंगें कहानियां किंवदन्ती रूह चाँद का ll


मोती संजो रहे ख्वाब तिलस्मी स्पंदन राज का l

पुनः आलिंगन ओस बूँदों मौन नयनों साँझ का ll

Friday, June 6, 2025

मृगनयनी

उमड़ रही काली घनघोर घटाओं मझधार से l

कानाफूसी कर्णफूलों सजी बैजंती झंकार से ll


गुनाहों सी एक कंपकंपी हवाओं के रुखसार में l

बेअसर डोरी थामे रखने पतंग कमान अपनी धार में ll


मोजों कहानी तामील तमन्नाएं रह गुजरी l

सिंदूरी रंगों रंगी अर्पण लहरों अंतर्ध्यान से ll


दर्पण अर्पण बिंदी खोई अर्ध चाँद दाग में l

अंजलि तर्पण भिगोॅ गयी कायनात साथ में ll


ख्याल सवार मृगनयनी रूमानी खुमार में l

सहर दस्तक तामील हो गयी साँझ गुनाह में ll

Thursday, May 8, 2025

बोलियाँ

बोलियाँ मोगरे झूमके वाली वालियाँ फूलों की l

साँझी आयतें अल्फाजों कारीगरी रूहों की ll


खतों विरासत अस्तित्व स्पर्श चाँद स्पंदन की l

महका गयी पतझड़ बसंती सावन फुहारों की ll


मरुधरा चाँदनी गुलमोहर ईद रात सितारों की l

मयूर मन खिला गयी बंद दिल दरवाजों की ll


उलझी उलझी लट्टे केशों पेंचों पतंगों डोरी की l

हौले से कादंबिनी धड़कने बन गयी ख्वाबों की  ll


बातें तितलियों के सुंदर नयन बसेरों सागर की l

ठग गयी आरजूएँ अंजुमन बिस्मिल राहों की ll