Monday, September 27, 2021

अर्ज़ियाँ

उस अधूरे बेरंग बिखरे पते पर l
अर्ज़ियाँ डाली इन तन्हाइयों ने ll

आहटें हलकी थी इनके अल्फ़ाज़ों की l 
दस्तक चुप चुप थी इनके हुँकारों की ll

फिरा ले उन्हें डाकिया हर गली गली l
मिला ना ठिकाना उसे किसी गली भी ll 

सादे कागज़ बिन कलम लिखी लिखावट l 
जुड़ी हुई थी यह दिल लहू अक्षरों नाज़ से ll

वसीयत यह उस विरासत अकेली की l
मर्म जब जब पढ़ूँ उस रात अकेली की ll

नदारद आकांक्षाएँ इन खोई अर्जियों की l 
ढूँढती फिर रही पता अपनी मर्ज़ियों की ll

सो गुम हो गयी थी अर्ज़ियाँ भी उस पते की l 
तन्हाईयों ने भेजी उस अधूरे बिखरे पते की ll


 

14 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज मंगलवार 28 सितम्बर   2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है....  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया यशोदा दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
      आभार

      Delete
  2. वाह। अहसासों का सुंदर सृजन।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

      Delete
  3. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (29-09-2021) को चर्चा मंच "ये ज़रूरी तो नहीं" (चर्चा अंक-4202) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि
    आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर
    चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और
    अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय शास्त्री सर
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
      आभार

      Delete
  4. सो गुम हो गयी थी अर्ज़ियाँ भी उस पते की l
    तन्हाईयों ने भेजी उस अधूरे बिखरे पते की ll

    बहुत खूब !सादर नमन

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया कामिनी दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

      Delete
  5. बढ़िया है जी। बधाई आपको।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय वीरेन्द्र भाई साहब
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

      Delete
  6. बहुत ही सुंदर सराहनीय सृजन।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया अनीता दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

      Delete
  7. वाह! शानदार!
    भावपूर्ण रचना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया कुसुम दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

      Delete