Sunday, October 10, 2021

कयास

अर्सा एक लम्बा गुजर गया उनसे मुखातिब हुए l
महताब वो भी कभी पिघला होगा दीदार के लिए ll

रंगीन यादों की अज़ीज़ ख्यालातों दर्पण में l
टकरा गए वो एक रोज नदी के उस मुहाने पे ll 

अक्सर मिला करते थे चाँद चकोर जिस किनारे पर l 
लिखने नाम अपना पानी की उन मचलती दीवारों पर ll

छुपी थी हया रुखसार की उन सुहानी वादियों में l
बादलों की ओट से झाँकती शबनमी आँखों में ll

हलकी हलकी मधुर दिल की वो चितवन सी आवाज़ें l
रूहानियत बरसाया करती थी जो उन रूहानी रातों में ll 

यूँ अचानक यादों में उनका फिर से आ बस जाना l
खोल झरोखें परछाई बन उनका फिर उतर आना ll 

कयास ना था अहसास मीठा सा इतना अपने पास था l 
फासलों में भी अहसास फासलों का दूर तलक ना था ll

अर्सा एक लम्बा गुजर गया उनसे मुखातिब हुए l
महताब वो भी कभी पिघला होगा दीदार के लिए ll
    

14 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रिय मनोज 👌👌👌 प्रेमिल अनुभूतियों का अभिनव संसार सहेजे अत्यंत खूबसूरत अशार सीसीसे सजी रचना। सभी शेर बहुत प्यारे हैं। हार्दिक शुभकामनाए !

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    1. आदरणीया रेणु दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
      सादर

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  2. छुपी थी हया रुखसार की उन सुहानी वादियों में l
    बादलों की ओट से झाँकती शबनमी आँखों में ll
    हलकी हलकी मधुर दिल की वो चितवन सी आवाज़ें l
    रूहानियत बरसाया करती थी जो उन रूहानी!!!!
    👌👌👌💐💐

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    1. आदरणीया दीदी जी
      बहुत बहुत धन्यावाद
      सादर

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  3. ऐसी कविताएं काव्य के स्थापित मानदंडों के निकष पर नहीं परखी जा सकतीं मनोज जी। ऐसी कविताएं दिल से निकलती हैं बस! इनका मूल्य इन्हें पढ़ने वालों के निमित्त कम एवं इन्हें सिरजने वाले के निमित्त अधिक होता है क्योंकि यह उसके मन का स्वर ही होता है जो शब्दों में प्रकट होता है। अभिनंदन आपका।

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    1. आदरणीय जितेंद्र भाई साब

      आपका शुक्रिया करने मेरे पास अल्फाज़ कम हैं, कितने सुन्दर वर्णन से आपने मेरी रचना की समीक्षा कर मेरी हौसला अफजाई की उसके लिए आपको दिल से नमन.

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  4. बहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति ।

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    1. आदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
      सादर

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  5. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 13 अक्टूबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

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    1. आदरणीया पम्मी दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
      आभार

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  6. कयास ना था अहसास मीठा सा इतना अपने पास था l
    फासलों में भी अहसास फासलों का दूर तलक ना था ll
    रिश्तो की यही तो खासियत होती है! बहुत ही सुंदर व प्यारी रचना!

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    1. आदरणीया मनीषा दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
      सादर

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    1. आदरणीया संगीता दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
      सादर

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