Tuesday, August 11, 2009

माँ शेरावाली

ओ माँ दुर्गे माँ ओ माँ अम्बे माँ

तेरे भक्तो ने क्या खूब दरबार सजाया है

फूलो का भव्य श्रृंगार कराया है

लाल चुनरिया माथे तेरे पहनाई है

मैया भक्तो ने क्या खूब दरबार सजाया है

जो भी तेरे द्वारे आए , दिल से जो तुझे पुकारे

मनत उसकी पूरी हो जाए

ओ माँ शेरावाली ओ माँ मेहरावाली

सुन के भक्तो की पुकार आई होके तू सिंह पे सवार

लेके आई आँचल भर खुशियों की सोंगात

ओ माँ शेरावाली ओ माँ मेहरावाली

जब जब भक्तो ने पुकारा तू दोडी चली आई है

माँ तुने ममता भरी दुआवो से भक्तो को नवाजा है

ओ माँ दुर्गे माँ ओ माँ अम्बे माँ

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