POEMS BY MANOJ KAYAL
क्या खुबसूरत ऐ फ़साना है
तेरे मेरे इश्क का ऐ तराना है
हर बगिया महकी है
हर डाली फूल खिले है
अपने इश्क के चर्चे आम हुए है
शमा इश्क की तुने जलाई है
वादे निभाने की कसम परवाने ने खायी है
एक नई प्रेम कहानी की शुरुआत हुई है
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