POEMS BY MANOJ KAYAL
खता क्या हुई
किनारा तुम ने कर लिया
नाता हम से तोड़ लिया
गुनहा क्या हुआ
नजरे मिलाना छोड़ दिया
हमें देख मुस्कराना छोड़ दिया
भूल क्या हुई
प्यार करना छोड़ दिया
हमें मरने के लिए अकेला छोड़ दिया
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