POEMS BY MANOJ KAYAL
सुबह जब आँख खुले रब को याद करो
मात पिता का ध्यान धरो
दिन गुजरे अच्छा
फुरसत ना मिल पावे
ऐसी कामना करो
शाम थक के जब बिस्तर मैं जाओ
रंगीन खाबो की हसीन दुनिया मैं खो जाओ
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