Tuesday, August 4, 2009

बोल बम

बोलो बम बम

लेके चलो कावड़ जटा धारी के दर

जिसने थामी जटा मैं गंग

उसका करे आज जला भी नंदन

सावन का महिना है आया

शिव ने है दरबार लगया

क्या खूब रूप है बनाया

जिसने जो माँगा वो फल पाया

भक्त रिझा रहे करके जलाभिशेख

दूर दूर से कावड़ लिए भक्त चले है

नीले धारी के दर

बोल बम के नारों से गूंज रही सारी सृष्टि आज

देख भक्तो का जोश उमंग शिव नाचे भक्तो के संग आज

जिस देवाधि देव को पूजे इश्वर सारे

इस अद्भुत मिलन को देख

वो भी नमन करे शंकर महादेव को

हर हर महादेव के बोल पे झूमे दुनिया सारी

शिव कृपा से खाली ना कोई जाए

बिन मांगे सब पाये

शिव के सहारे कर जाना है भवसागर पार

चलो लेके कावड़ शिव के द्वार

बोल बम बोल बम

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