Saturday, April 24, 2010

जमाने का रंग

ओ गाँव की छोरी

मैं शहर का छोरा

कैसे होगा मिलन ये तेरा मेरा

बदल गया है ज़माना

भाता नहीं नए जमाने का रंग

तुझको जरा भी

ऐसे में कैसे करलू

जीवन साथ बिताने का वादा

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