Saturday, May 29, 2010

चाँद चला गया

सितारों से सजी महफ़िल में

चाँद एक नज़र आया

शाम ए महफ़िल उसकी चाँदनी से थी गुलजार

लगी थी सितारों में होड़

हाथ ना लगी मगर किसीके वो

छिपा लिया खुद को बदरी में

रह गए सितारें बस आँखे टिमटिमाते

ओर चाँद चला गया महफ़िल छोड़

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