RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, July 30, 2009
हम तुम
तेरे साँसों की गरम हवा में
खुद
को मिटा देगें
तेरी बांहों में खुद को लुटा देगें
जो तुम हमें मिल जाओ
तो हम दुनिया को भुला देगें
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