Thursday, July 30, 2009

तेरा इन्तजार

तेरे इन्तजार में कब रात घिर आयी

पता ही ना चला

सोचा तारों को गिन रात गुजार लेंगे

पर कब मेघ बरस पड़ी

पता ही ना चला

सोचा चाँद में प्यार का दीदार कर लेंगे

पर किस्मत तो देखो

वो भी बादलों में छिप गया

महबूब मेरे तेरे इन्तजार में मेरा प्यार छुपा है

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