RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, July 26, 2010
वर्षा रानी
छम छम बरसा पानी
फिर आयी वर्षा रानी
छाई सावन की हरयाली
उमड़ आयी मौजो की मस्ती
निकल आये सागर से मोती
कूके पपहिया नाचे मोर
छाई ऐसी घटा निराली
छम छमा छम बरसे पानी
फिर आयी वर्षा रानी
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