तुने आँसुओ में मेरा दर्द छिपा रखा है
ऐसे इन्हें रुलाया ना करो
दर्द को मेरे ऐसे सताया ना करो
तेरी ताकत है ये
ऐसे इनपे सितम ढाया ना करो
इन बेस्किमती नूरो को यूं ना बहाया करो
खुश रहो सदा इतना
मिलन इनसे फिर दुबारा ना हो
कर दो रहम बस इतना सा
दर्द को मेरे तुम अपनाया ना करो
रो रो के मुझे ओर रुलाया ना करो
रुलाया ना करो
ऐसे इन्हें रुलाया ना करो
दर्द को मेरे ऐसे सताया ना करो
तेरी ताकत है ये
ऐसे इनपे सितम ढाया ना करो
इन बेस्किमती नूरो को यूं ना बहाया करो
खुश रहो सदा इतना
मिलन इनसे फिर दुबारा ना हो
कर दो रहम बस इतना सा
दर्द को मेरे तुम अपनाया ना करो
रो रो के मुझे ओर रुलाया ना करो
रुलाया ना करो
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल १४ /५/१३ मंगलवारीय चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteशेअर करने के लिए शुक्रिया!