मेरी डाली के है दो सुन्दर फूल
इनकी हर पंखुड़ियों से झलके
किरण का नया स्वरुप
इनकी खुशबुओं से महके
मेरी बगिया का रूप
कोमल मासूम ये सुन्दर फूल
मेरी डाली के ये दो सुन्दर फूल
उपहार ये कुदरत का
नन्हें से ये दो फूल
जीवन ज्योत बन चमके
मेरी आँखों के ये नूर
मेरी डाली के ये दो सुन्दर फूल
इनकी हर पंखुड़ियों से झलके
किरण का नया स्वरुप
इनकी खुशबुओं से महके
मेरी बगिया का रूप
कोमल मासूम ये सुन्दर फूल
मेरी डाली के ये दो सुन्दर फूल
उपहार ये कुदरत का
नन्हें से ये दो फूल
जीवन ज्योत बन चमके
मेरी आँखों के ये नूर
मेरी डाली के ये दो सुन्दर फूल
अच्छी रचना
ReplyDeleteSir ,
DeleteThanks a lot for your comments . please forward me your e- mail id
बहुत सुन्दर रचना लिखी है आपने!
ReplyDeleteसाधुवाद!