Thursday, May 2, 2013

अफसाना

दर्द भरी दास्ताँ भी

खुशियों का खजाना है

कुछ पल के आंसुओ के बाद

सिर्फ फसाना ही फ़साना है

ना गम का कोई ठिकाना है

ना आंसुओ का कोई पैमाना है

दर्द का तो बस

अफसाना ही अफसाना है 

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