Thursday, August 6, 2009

लब

देख तुझे कदम ख़ुद ब ख़ुद थम गए

दिल की बात कहने को लब ब्याकु़ल हो उठे

आँखे मचल उठी

पर लफज जुबा पे आ ना पाए

मुस्कराते हुए आगे बढ गए

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