Monday, November 2, 2009

पीय की राह

पहन के हाथो में कंगन

पैरो में पायल , कानो में झुमका

लगा के माथे पे बिंदिया

बालो में गजरा ,हाथो में मेहंदी

पिया निहार रही साजन की राह

गाके मधुर मिलन राग बुला रही

साजन जी जल्दी घर आना

संग तेरे है हमको जाना

कर के सोलह श्रृंगार

कर रही हु तेरा ही इन्तजार

अब ना देर लगाओ

चंदा की चाँदनी ढल जावे

इस से पहले तुम आ जाओ

आ जाओ आ जाओ

सजन अब तो आ जाओ

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