Tuesday, November 24, 2009

हमदर्द

कुछ अनछुए पहलु दिल को छु जाते है

जज्बात आंसू बन निकल आते है

भावनाओ का समंदर सैलाब बन उमड़ आता है

इस एक पल को अजनबी भी अपना नजर आता है

मीठे बोल जो बोलले वो हमदर्द नजर आता है

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