POEMS BY MANOJ KAYAL
ढाई कोश चले एक पहर में
एक सदी लगी ढाई आखर का अर्थ समझने
कथा ये विचत्र पर निराली है
अजब प्रेम की गजब कहानी है
साथ रहे जीवन भर
पर समझ ना पाए प्यार का दर्द
अंत समय आया तो
दिल को ये ख्याल आया
अब तो कह दू
प्रेम हमें तुमसे ही है
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