Tuesday, November 17, 2009

चाँदनी रात

लो फिर चली आई वो चाँदनी रात

हम तुम तुम हम बैठे डाले हाथो में हाथ

बिन मिलन गुजर ना जावे ये हसीन रात

चंदा चमके बनके तेरे माथे की बिंदिया है आज

लो फिर चली आई वो चाँदनी रात

आओ एक दूजे की आँखों में करे चाँद का दीदार

पुरा है चाँद छटक रही चाँदनी

दमक रही बन के प्यार

आओ खो जाए एक दूजे में

गुजर ना जाए ये रात

लो फिर चली आई वो चाँदनी रात

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