Friday, November 27, 2009

एक नार

स्वच्छ निर्मल पावन

कांति आभा तर्पण

कोमल मनोहर नयन

फूलो का दर्पण

सुंदर सोम्य संयम

बेजोड़ है संगम

ऐसी चाहिए एक नार

जो बदल दे मेरा जीवन

भर दे सुखो से संसार

No comments:

Post a Comment