Thursday, September 24, 2009

पितृ ऋण

ये शोभाग्य हमने पाया


आप को पितृ रूप में पाया


प्यार का पाठ आप ने पढाया


उन्नति मार्ग हमको दर्शया


इस पितृ ऋण को कभी ना चुका पायेंगे


वचन जो दिया पूर्ण कर जायेंगे


ये जीवन आप के चरणों में


समर्पण कर जायेंगे


गर्व के संग आप का अंश कहलायेंगे


नाम आप का अमर कर जायेंगे


पितृ स्नेह की कथा


भविष्य को अर्पण कर जायेंगे


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