POEMS BY MANOJ KAYAL
मन हो जिसका शहद सा मीठा
मुस्कान में हो चीनी सी मिठास
जुबा हो गुड समान
उस कंठ विराजे
माँ सरस्वती का वरदान
जहा विराजे सरस्वती का वरदान
उस द्वारे सदा करे लक्ष्मी निवास
धन धान्य से भरा रहे संसार
जीवन बना रहे सदा खुशहाल
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