RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Friday, September 4, 2009
लंगूर
पिया जी गए रंगून
बना गए लंगूर
खिला गए अंगूर
जतला गए तुम हो महा बेवकूफ
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment