Monday, September 21, 2009

नहने कमल

ओ मेरे नहने कमल

इन आँखों का नूर है तू

अभिमान है तू

तेरे खिलने से बगिया महकी

तेरी नटखट बाल अदाओ पे मन मुस्काये

तेरे में अपना अक्स नजर आए

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