Tuesday, September 15, 2009

बेमिसाल सोंदर्य

जीवन कण कण में मधुर स्वर लहरी बन तुम बसी हो

आइना जो देखू तो तेरी ही तस्वीर नजर आवे

मुख जो खोलू तू तेरा ही नाम लबों पे आवे

दिल कहे तेरी परछाई अब ना दूर जावे

तेरे बेमिसाल सोंदर्य खयालो में खोये रहे

No comments:

Post a Comment