POEMS BY MANOJ KAYAL
आओ मिलके जिन्दगी की सरगम गावे
छोटा सा खुबसूरत आशियाना बसावे
गीत आज कोई नया गावे
संदेश फिर प्यार का बरसावे
आओ मिलकर जिन्दगी की सरगम गावे
जीवन को कभी कविता तो कभी गीत बन गुन्गुनावे
काँटो में रहकर भी गुलाब की तरह मुस्काए
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