Monday, September 21, 2009

दृड़ मन

जीवन पथ दूरगामी है

सांसारिक नियमो से दुखी ये मन भारी है

हर पथ लथपथ है

निराशा के भवर में फसा ये मन है

हताहत्तो से भरा हर पथ है

असफलताओ से आहात ये मन है

नए साल की नई सुबह

प्रफुलित आज ये मन है

नई दिशाए नई राहे

मन एक विश्वास जगाये

जीवन पथ हो कामयाबी पे अग्रसर

दृड़ आज हुआ है ये मन

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